गृह मंत्रालय ने दी अनुमति राज्य सरकार को करना होगा इंतजाम
लॉक डाउन में फंसे मजदूर और छात्रों के लौटने का रास्ता साफ
रजिस्ट्रेशन व मेडिकल जांच अनिवार्य संक्रमित रहने पर इजाजत नहीं
क्रोना संकट को लेकर लागू देशवासियों लॉक डाउन के बीच केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों छात्रों , पर्यटक को और अन्य लोगों को बुधवार को शर्तों के साथ उनके गंतव्य स्थान तक जाने की अनुमति दे दी। इस तरह विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों का अपने-अपने घर पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है।
गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरे जगहों से अपने अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंड प्रोटोकॉल तैयार करें। मतलब यह है कि जब हर राज्य दूसरे राज्य में फंसे अपने नागरिकों को ला सकता है। आदेश में साफ कहा गया है किफंसे लोगों के समूह को ले जाने के लिए सिर्फ बसों का इस्तेमाल होगा।
जो संबंधित राज्य सरकार करेगी पुलिस टॉप इस दौरान सामाजिक दूरी समय व्यवस्था मंत्रालय के अन्य नियमों का पालन अनिवार्य होगा। राज्यों को भेजें आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प्रवासी मजदूर तीर्थयात्री पर्यटक छात्र और अन्य लोगों विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं पुलिस टॉप उन्हें अपने गंतव्य पर जाने की सरता इजाजत दी मिलेगी।
मगर राज्य को इसके लिए नोडल अफसर नियुक्त करने होंगे नोडल अफसर अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगे बसों के संचालन को लेकर व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई संक्रमित यात्री यात्रा नहीं कर पाए।
इसलिए गंतव्य तक भेजने से पहले स्क्रीनिंग जरूरी होगी पुलिस टॉप गंतव्य स्थान पर पहुंचने पर वहां के स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उन पर नजर रखेंगे। समय-समय पर इनकी व्यवस्था जांच जरूरी होगी।
नए दिशानिर्देश
आप ऐसे पहुंच सकते हैं घर
फसे लोग व्यक्तिगत स्तर पर गिरी है राज्य में जाने का इंतजाम नहीं कर सकते
यदि राज्य सरकार बस भेजती है तो जहां रुके हैं वहां के लोकल नोडल अफसर के पास जाना होगा
राज्य सरकार की तरफ से इंतजाम किए गए बसों पर निर्भर रहना पड़ेगा
इस नोडल अफसर के पास गिरिराज जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा
रजिस्ट्रेशन के बाद करो ना जान होगी लक्षण नहीं मिलने पर ही जाने की इजाजत
बस में एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से दूर बैठना होगा वह किसी से घुलना मिलना नहीं होगा
अपने राज्य पहुंचने पर बस से उतरते ही स्वास्थ्य जांच होगी
सब ठीक-ठाक रहा तो कुछ दिनों तक अकेले रहना होगा
राज्यों को करना होगा यह काम
राज्यों को फंसे लोगों को रवाना करने और बुलाने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाना होगा
सभी राज्यों को नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा जो फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेगा
जिन जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होने हैं वहां के नोडल अफसरों का आपस में संपर्क जरूरी
आवाजाही के लिए उपयोग में लाए गए बसों को सैनिटाइजर करना जरूरी होगा
गंतव्य स्थल पर पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी लोगों पर नजर रखें
राज्य सरकार को समय समय पर इनकी स्वास्थ्य जांच करनी होगी
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